बड़ी खबर! RBI ने रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की, जानिए आपके लोन की EMI कितनी बढ़ जाएगी

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RBI MPC Meet Updates: रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर डालेंगे। इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। होम लोन के साथ-साथ ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई भी बढ़ेगी। रेपो रेट को प्राइम इंटरेस्ट रेट के नाम से भी जाना जाता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही रेपो रेट अब बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है। 8 जून को की गई पिछली नीतिगत घोषणा में आरबीआई ने रेपो रेट में आधा फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इससे रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया था। हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। इसी को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लेगा। महंगाई कम करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट बढ़ा दिया है। मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास दे रहे हैं।

इतनी बढ़ जाएगी ईएमआई

रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर डालेंगे। इससे आपके लोन की किस्त बढ़ जाएगी। होम लोन के साथ-साथ ऑटो लोन और पर्सनल लोन की किस्त भी बढ़ेगी. अगर आपका होम लोन 30 लाख रुपये का है और कार्यकाल 20 साल का है, तो आपकी किस्त 24,168 रुपये से बढ़कर 25,093 रुपये हो जाएगी। बता दें कि अगर कर्ज पर ब्याज दर 7.5 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी हो जाती है तो ईएमआई पर क्या फर्क पड़ेगा।

राशिअवधिब्याज की दरकिश्त (रुपये में)संशोधित दरकिश्त (रुपये में)वृद्धि (रुपये में)
30 लाख रुपए20 साल7.5%24,1688%25,093925
20 लाख रुपए20 साल7.5%16,1128%16,729617
10 लाख रुपए20 साल7.5%8,0568%8,364308

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में इस बढ़ोतरी के साथ ही रेपो रेट कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच गया,

अगस्त 2019 के बाद यह सबसे ज्यादा हो गया है। इस तरह रेपो रेट अब कोरोना महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि आरबीआई पहले ही घोषणा कर चुका था कि वह धीरे-धीरे अपने उदार रुख को वापस लेगा।

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बरकरार

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और बैंक दरों को 5.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत कर दिया गया है।

मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति असुविधाजनक रूप से उच्च बनी हुई है और इसके 6% से ऊपर रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं, आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

रेपो रेट को प्राइम इंटरेस्ट रेट के नाम से भी जाना जाता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं। जब बैंकों के लिए उधार देना महंगा हो जाता है, तो वे ग्राहकों को उच्च दरों पर ऋण भी देते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे लोन महंगे हो जाते हैं। इसके अलावा ग्राहकों को उनकी जमा पर मिलने वाला ब्याज भी काफी हद तक रेपो रेट से तय होता है। यानी जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंक एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा देते हैं।

आरबीआई रेपो रेट क्यों बढ़ाता है?

मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक प्रमुख ब्याज दरें बढ़ाता है। इस तरह आरबीआई मौद्रिक नीति को सख्त बनाकर मांग को नियंत्रित करने का काम करता है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में वृद्धि के बाद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट आई है। अमेरिका में महंगाई इस समय 40 साल के उच्चतम स्तर पर है। इस महंगाई को कम करने के लिए फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। गौरतलब है कि जब कोरोना वायरस महामारी आई थी तब दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने मौद्रिक नीति में ढील दी थी और दरों में काफी कमी की थी। आरबीआई पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह धीरे-धीरे अपने उदार रुख को वापस लेगा।

दरों में यह वृद्धि एक दशक में सबसे तेज है

होम लोन ईएमआई भुगतानकर्ताओं को अधिक भुगतान करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने कर्ज की दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह बढ़ोतरी एक दशक में सबसे तेज है।

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