पटना11 मिनट पहले
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बिहार की राजनीति में हमेशा गायब होने का तमग़ा तेजस्वी यादव पर लगता रहा है। सत्ता पक्ष इसे लेकर हमला भी करता रहा है, वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का भी कहना है कि वह ऐन मौके पर गायब हो जाते हैं। सोमवार को विधानसभा में हुई घटना के बाद एक बार फिर कहा जाने लगा है कि वो मौका चूक गए हैं। बिहार की राजनीति में ऐसे कई मौके आए जब बना बनाया मुद्दा विपक्ष को धार देता, लेकिन ऐसे अनेकों मौकों से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव गायब दिखे।
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से स्पीकर विजय सिन्हा को खरी खोटी सुनाई, मजबूत विपक्ष रहने के बावजूद विपक्ष की तरफ से एक आवाज नहीं आई। वजह यह थी प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्ष की ज्यादातर कुर्सियां खाली रही। वजह बताया गया विपक्ष के नेता अपने MLC उम्मीदवारों का नामांकन कराने पटना से बाहर गए हैं।
बिहार विधानसभा में 10 बैठकें हो चुकी हैं। कमोबेश सभी बैठकों में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव शामिल हुए हैं। महज 2 दिन इन बैठकों में वह शामिल नहीं हुए। बड़ी बात है कि तेजस्वी यादव विधानसभा नहीं आते हैं तो उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी विधानसभा नहीं पहुंचते हैं। जब विपक्ष के दोनों प्रमुख नेता विधानसभा से नदारद रहते हैं तो कई विधायक भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए आते हैं और निकल जाते हैं।
बिहार विधानसभा में स्पीकर पर भड़के नीतीश
आइए जानते हैं कब-कब कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए तेजस्वी
- बिहार में बाढ़ से लेकर सुखाड़ तक इंसेफलाइटिस से लेकर कई आपदा में तेजस्वी यादव गायब ही दिखे हैं। जिन मौकों पर तेजस्वी यादव को रहकर जनता की आवाज बनना चाहिए होता है। उन मौकों से तेजस्वी यादव गायब रहे हैं।
- पिछले साल 19 जुलाई को महंगाई के खिलाफ राजद की ओर से किए गए आंदोलन में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे। हरी झंडी दिखाकर दोनों भाई (तेजस्वी और तेज प्रताप) चले गए।
- पिछले साल 7 अगस्त को जाति जनगणना के सवाल पर राजद का धरना-प्रदर्शन था, लेकिन इसमें भी तेजस्वी नजर नहीं आए।
- पिछले साल कोविड के समय जब पप्पू यादव जैसे नेता एक्टिव दिखे, उस समय भी नेता प्रतिपक्ष नहीं दिखे। दिल्ली में रहकर पटना स्थित अपने सरकारी आवास में मरीजों के लिए बेड जरूर लगवाया था और सरकार से यहां मरीजों के इलाज की अनुमति मांगी थी।
- 5 महीना पहले केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने भारत बंद किया था। बिहार में लेफ्ट के साथ-साथ महागठबंधन की पार्टियां राजद और कांग्रेस ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। कार्यकर्ता सुबह से सड़क पर उतर आए, पर बंद को समर्थन देने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव नहीं दिखे थे।
- इस साल रेलवे के एनटीपीसी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने पूरे बिहार में बड़ा आंदोलन किया था। यह आंदोलन केंद्र सरकार के रेलवे के परीक्षा के खिलाफ हो रहा था। विपक्ष में रहने के बावजूद तेजस्वी यादव इन छात्रों के साथ कहीं भी खड़े नहीं दिखे।